يُعَدُّ كتابُ «تسهيل الوصول إلى معرفة أسباب النزول» من تأليف خالد عبد الرحمن العك وصدرت طبعته الأولى عن دار المعرفة ببيروت عام 1998م / 1419هـ، ويتكوّن من نحو ٤٠٧ صفحات بحسب المعلومات المتاحة . يُعتبر مرجعًا مهمًا في علوم القرآن والتفسير، إذ جمع فيه المؤلف أشهر روايات علم أسباب النزول وأهمها من مصادر التراث الإسلامي، ورتّبها بأسلوب أكاديمي يسهل الوصول إليه والاستفادة منه . يبدأ الكتاب بمقدمة تبيّن مكانة علم أسباب النزول وأهميته لتفسير القرآن، مستشهداً بأقوال الصحابة مثل ابن مسعود وابن عباس حول ارتباط نزول الآيات بوقائع محددة، ثم يعرض أسباب النزول حسب ترتيب سور القرآن من الفاتحة حتى الناس ضمن فصول مرتبة بوضوح .
ينتهج الكاتب أسلوبًا وصفيًا تحليليًا، يجمع بين عرض روايات أسباب النزول وسياقها التاريخي وتوثيقها من مصادر موثوقة، ويقتصر على ذكر السبب وسنده دون الدخول في شروحات مطوّلة، وهو ما يساهم في إبقاء الكتاب مرجعًا مختصرًا عمليًا يسهل استعراضه ومراجعته سريعًا . يتميّز النص بلغة عربية فصيحة واضحة وتنظيم منطقي يعتمد على فهرس مفصّل حسب السور والمواضيع، مما يجعل الكتاب ملائمًا لطلاّب التفسير والمقرئين والباحثين في علوم القرآن الذين يحتاجون إلى تحديد مناسبة نزول الآيات وتوثيقها بسرعة ودقة.
يستهدف هذا العمل جمهورًا واسعًا من المهتمين بعلوم التفسير والقرآن والتاريخ الإسلامي، ويعدّ أداة قيّمة للمدرسين والمفسّرين وطلبة الدراسات الشرعية الذين يعتمدون على الأسانيد في فهم السياق القرآني. وتكمن أهميته العلمية في توفيره مصدراً موثوقاً وميسّراً يربط بين النص القرآني وسياقه التطبيقي، مما يعزّز فهم الآيات ويسهل تفسيرها بدقة علمية ويزيل التشتت في مصادر أسباب النزول المتعددة.
الفهرس
الفهرس |
الموضوع |
5 |
المقدمة |
8 |
أهمية علم أسباب النزول |
8 |
معرفة أسباب النزول ومكانته في التفسير |
14 |
آية التسمية وبيان نزولها |
15 |
نزول القرآن مفرقا |
16 |
أول ما نزل من القرآن |
18 |
آخر ما نزل من القرآن |
19 |
سورة الفاتحة |
20 |
سورة البقرة |
66 |
سورة آل عمران |
93 |
سورة النساء |
123 |
سورة المائدة |
142 |
سورة الأنعام |
152 |
سورة الأعراف |
156 |
سورة الأنفال |
169 |
سورة التوبة |
186 |
سورة يونس |
187 |
سورة هود |
189 |
سورة يوسف |
190 |
سورة الرعد |
194 |
سورة إبراهيم |
195 |
سورة الحجر |
198 |
سورة النحل |
205 |
سورة الإسراء |
214 |
سورة الكهف |
218 |
سورة مريم |
220 |
سورة طه |
222 |
سورة الأنبياء |
224 |
سورة الحج |
230 |
سورة المؤمنون |
232 |
سورة النور |
248 |
سورة الفرقان |
252 |
سورة الشعراء |
254 |
سورة القصص |
257 |
سورة العنكبوت |
261 |
سورة الروم |
263 |
سورة لقمان |
266 |
سورة السجدة |
268 |
سورة الأحزاب |
286 |
سورة سبأ |
287 |
سورة فاطر |
289 |
سورة يس |
291 |
سورة الصافات |
293 |
سورة ص |
294 |
سورة الزمر |
300 |
سورة غافر |
302 |
سورة فصلت |
304 |
سورة الشورى |
307 |
سورة الزخرف |
309 |
سورة الدخان |
311 |
سورة الجاثية |
313 |
سورة الأحقاف |
316 |
سورة محمد |
318 |
سورة الفتح |
322 |
سورة الحجرات |
328 |
سورة ق |
330 |
سورة الذاريات |
331 |
سورة الطور |
332 |
سورة النجم |
335 |
سورة القمر |
336 |
سورة الواقعة |
339 |
سورة الحديد |
342 |
سورة المجادلة |
348 |
سورة الحشر |
351 |
سورة الممتحنة |
356 |
سورة الصف |
357 |
سورة الجمعة |
358 |
سورة المنافقون |
361 |
سورة التغابن |
362 |
سورة الطلاق |
364 |
سورة التحريم |
366 |
سورة الملك |
367 |
سورة القلم |
368 |
سورة الحاقة |
369 |
سورة الجن |
373 |
سورة المزمل |
374 |
سورة المدثر |
377 |
سورة القيامة |
378 |
سورة الإنسان |
379 |
سورة المرسلات |
379 |
سورة النبأ |
380 |
سورة النازعات |
381 |
سورة عبس |
382 |
سورة التكوير |
383 |
سورة الانفطار |
383 |
سورة المطففين |
384 |
سورة الطارق |
384 |
سورة الأعلى |
384 |
سورة الغاشية |
385 |
سورة الفجر |
386 |
سورة الليل |
388 |
سورة الضحى |
390 |
سورة العلق |
390 |
سورة القدر |
391 |
سورة الزلزلة |
392 |
سورة العاديات |
393 |
سورة التكاثر |
393 |
سورة الفيل |
394 |
سورة قريش |
394 |
سورة الماعون |
395 |
سورة الكوثر |
396 |
سورة الكافرون |
396 |
سورة النصر |
397 |
سورة المسد |
398 |
سورة الإخلاص |
399 |
سورة المعوذتان |
401 |
المصادر والمراجع |
403 |
الفهرس |